गेंद पर लार या पसीना लगाने से फैल सकता है नया वायरस, शरीर से निकले तरल में 24 घंटे तक जिंदा रह सकते हैं जर्म्स  - Sp news expr:class='data:blog.pageType'>

Sp news

Welcome my website my news websites latestnews,news,fastnews,Hindi news, newsletter,newsfeed,khabarinews,

🅰♡♣!! अपना वेबसाइट बनवाने के लिये सम्पर्क करें 6202949095 !!♣♡🅱 !!♥ धन्यवाद ♥!!

Breaking

Saturday, 2 May 2020

गेंद पर लार या पसीना लगाने से फैल सकता है नया वायरस, शरीर से निकले तरल में 24 घंटे तक जिंदा रह सकते हैं जर्म्स 

कोरोना के खौफ के बीच क्रिकेट को वापस पटरी पर लाने की तैयारी की जा रही है। ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट मैच के दौरान गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। हाल ही में हुई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की बैठक में मेडिकल कमेटी प्रमुख पीटर हरकोर्ट ने गेंद को चमकाने के लिए आर्टिफिशियल पदार्थ के इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था।

दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किसी की भी लार या ड्रॉपलेट्स से दूर रहने की सलाह दी है। लेकिन कई रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि पसीने से भी कोरोनावायरस फैल सकता है।लार और पसीने से होने वाला संक्रमण किस तरह फैल सकता है और कितना खतरनाक है, देश की शीर्ष रिसर्च संस्थाआईसीएमआर के वैज्ञानिक प्रो. सुमित अग्रवाल और अमेरिकी एक्सपर्टडॉ. माइकल बेनिंगर से जानने की कोशिश की...

पसीने से कैसे फैल सकता है कोरोनावायरस?
प्रो. सुमित अग्रवाल ने बताया, कुछ ऐसी रिसर्च भी हैं जो बताती हैं कि पसीने से भी कोरोनावायरस फैल सकता है। अगर खिलाड़ी कोरोना से संक्रमित है तो खतरा है। खेल के दौरान शरीर से निकलने वाले किसी भी तरह के फ्लूइड का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। मैच के दौरान गेंद को चमकाने के लिए आर्टिफिशियल एजेंट का इस्तेमाल करने का सुझाव बेहतर है।

लार या ड्रॉपलेट्स कितनेखतरनाक हैं?

  • अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. माइकल बेनिंगर के मुताबिक, सीधेतौर पर कोरोना के संक्रमण का खतरा लार से है। सिर्फ कोरोना ही नहीं फ्लू, हेपेटाइटिस बी-सी, इबोला, बर्ड फ्लू, राइनोवायरस भी लार के जरिये संक्रमण फैला सकता है।
  • अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन ने दूसरे का टूथब्रश या माउथगार्ड का इस्तेमाल न करने की सलाह भी दी है। डॉ. माइकल का कहना है कि टूथब्रश माइक्रोट्रॉमा की वजह बन सकते हैं और वायरस म्यूकस मेम्ब्रेन के जरिये संक्रमण फैला सकता है।
  • एक रिसर्च के मुताबिक, थूक या लार के छीटों में 24 घंटे तक जर्म्सजिंदा रहते हैं जो संक्रमण की बड़ी वजह बन सकते हैं। एच1एन1 वायरस के फैलने की एक वजह यही थी।

खिलाड़ियों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
प्रो. सुमित अग्रवाल ने कहा, जब भी मैच की शुरुआत हो तो संक्रमण से बचाव के तौर पर मास्क का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। अगर खिलाड़ी को बुखार के साथ सूखी खांसी है या किसी ऐसे शख्स से पहले मिला है तो प्रैक्टिस मैच से बचना चाहिए। इसके अलावा खुद को दूसरे इंसान से दूर रखना ही बेहतर विकल्प है।


बीसीसीआई ने जारी की एडवाइजरी
बीसीसीआई ने हाल ही में कोरोना से बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की थी जिसे टीम को ले जाने वाली एयरलाइंस, होटल, राज्य स्तर की एसोसिएशंस और मेडिकल टीम से साझा किया था।

  • 20 सेकंड तक अपने हाथ को पानी और साबुन से धोना है।
  • खांसते या छींकते समय मुंह को ढकना जरूरी है।
  • बुखार, खांसी या बीमार होने पर मेडिकल टीम से तुरंत सम्पर्क करें।
  • हाथ धुलने से पहले चेहरा, मुंह, नाक और आंखों को न छुएं।
  • खुले में बने ऐसे रेस्तरां जहां साफ-सफाई न हो, खाना खाने से बचें।
  • टीम के अलावा किसी बाहर इंसान के सम्पर्क में आने से बचें।
  • हाथ मिलाने, एक-दूसरे को फोन देने या लेने और सेल्फी न लेने की भी सलाह दी गई।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
New virus can spread by applying saliva or sweat on the ball, germs can remain alive for 24 hours in liquid released from the body


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2zMi3VT

No comments:

Post a Comment

Pages