कोरोनावायरस खून के थक्के जमाकर फेफड़ों को ब्लॉक कर सकता है, आयरलैंड के मरीजों पर स्टडी के बाद पता चला - Sp news expr:class='data:blog.pageType'>

Sp news

Welcome my website my news websites latestnews,news,fastnews,Hindi news, newsletter,newsfeed,khabarinews,

🅰♡♣!! अपना वेबसाइट बनवाने के लिये सम्पर्क करें 6202949095 !!♣♡🅱 !!♥ धन्यवाद ♥!!

Breaking

Friday, 1 May 2020

कोरोनावायरस खून के थक्के जमाकर फेफड़ों को ब्लॉक कर सकता है, आयरलैंड के मरीजों पर स्टडी के बाद पता चला

कोरोनावायरस शरीर में खूनके थक्के जमाकर फेफड़ों को ब्लॉक कर सकता है। यह दावा आयरलैंड के डॉक्टरों ने किया है। कोरोना से पीड़ित 83 गंभीर मरीजों पर हुई स्टडी के दौरान वायरस का एक और खतरा सामने आया है। डबलिन के सेंट जेम्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों का कहना है कि यह नया वायरस फेफड़ों में करीब 100 छोटे-छोटे ब्लॉकेज बना देता है जिससेशरीर में ऑक्सीजन का स्तर घट जाता हैऔर मरीज की मौत भी हो सकती है। शोधकर्ता प्रो. जेम्स ओ-डोनेल का कहना है कि कोविड-19 एक खास तरह केब्लड क्लॉटिंग डिसऑर्डर (खून के थ्) की वजह बनता है जो सीधे तौर पर सबसे पहले फेफड़ों पर हमला करता है।

पांच पाइंट में कोरोना और खून के थक्कों का कनेक्शन

  • 1. करीब 80 फीसदी पहले से ही बीमारी से जूझ रहे थे

ब्रिटिश जर्नल ऑफ हिमेटोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, 83 गंभीर मरीजों में 81 फीसदी यूरोपियन, 12 फीसदी एशियाई, 6 फीसदी अफ्रीकन और एक फीसदी स्पेनिशहैं। इन मरीजों की उम्र औसतन 64 साल थीऔर करीब 80 फीसदी पहले से किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे थे। इनमें 60 फीसदी रिकवर हुए थे और 15.7 फीसदी मरीजोंकी मौत हो गई थी।

  • 2. थक्का जमाने वाले प्रोटीनका स्तर बढ़ा मिला

मरीजों में रक्त के थक्के कितनी जल्दी जमते हैं इसके लिए शोधकर्ताओं नेडी-डाइमर नाम के प्रोटीन केस्तर कोचेक किया। डी-डाइमर एक ऐसाप्रोटीन है जो अगरशरीर में ज्यादा होगा तोरक्त का थक्का जमने का खतरा उतना ही अधिक होगा। रिसर्च में शामिल मरीजों में डी-डाइमर सामान्य से अधिक मात्रा में मिला था। शोधकर्ताओं के मुताबिक, मरीजों के फेफड़ों के असामान्य ब्लड क्लॉटिंग के मामले दिखे जो छोटे-छोटे थक्के जमने की वजह बने थे। ऐसे मरीजों को सीधेआईसीयू में भर्ती किया गया।

  • 3. हाई रिस्क मरीजों में थक्के के मामले अधिक

शोधकर्ता प्रो. जेम्स ओ-डोनेल के मुताबिक, निमोनिया भी फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन कोरोना के मरीजों में जिस तरह का संक्रमण फेफड़ों में दिख रहा है वैसा दूसरे संक्रमणमें नहीं देखा गया। फेफड़ों में जमने वाले इन छोटे-छोटे थक्कों को समझने की कोशिश की जा रही है ताकि बेहतर इलाज किया जा सके। इसके मामले उन मरीजों में ज्यादा दिखे हैं जो पहले से हाई-रिस्क जोनमें हैं यानी जिनकी उम्र अधिक है और जिन्हेंपहले से कोई गंभीरबीमारी हैं।

  • 4. थक्के हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं

यह रिसर्च अमेरिकी विशेषज्ञों की एकहेल्थ रिपोर्ट के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कोरोना पीड़ितों की सर्वाधिक मौत की वजह शरीर में खून में थक्के जमना था। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों में भी ऐसा दिखा गया था। एक अन्य रिसर्च में यह सामने आया कि ऐसे मरीजों में अनियंत्रित रक्त के थक्के हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले भी बढ़ाते हैं।

  • 5. चीनी लोगों में ऐसे मामले कम

शोधकर्ताओं का कहना है कि चीनी लोगों में आनुवांशिक भिन्नताओं के कारण उनमें रक्त केथक्केजमने के मामले काफी कम होते हैं। यही वजह है कि चीन के मुकाबले यूरोप और अमेरिकामें कोरोना के काफी गंभीर मामले सामने आए हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
coronavirus may cause deadly blood clots Irish doctors find infection can cause hundreds of small blockages in the lungs


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2SGF4jZ

No comments:

Post a Comment

Pages