कोरोना ने शिक्षा में तकनीक को अपनाने का सबक दिया; अब गांव में बैठकर हार्वर्ड की पढ़ाई संभव, यह मौका ही गेम चेंजर - Sp news expr:class='data:blog.pageType'>

Sp news

Welcome my website my news websites latestnews,news,fastnews,Hindi news, newsletter,newsfeed,khabarinews,

🅰♡♣!! अपना वेबसाइट बनवाने के लिये सम्पर्क करें 6202949095 !!♣♡🅱 !!♥ धन्यवाद ♥!!

Breaking

Friday 1 January 2021

कोरोना ने शिक्षा में तकनीक को अपनाने का सबक दिया; अब गांव में बैठकर हार्वर्ड की पढ़ाई संभव, यह मौका ही गेम चेंजर

कोविड-19 ने शिक्षा में तकनीक को आवश्यक रूप से अपनाए जाने का महत्वपूर्ण सबक दिया है। कक्षाओं का स्वरूप बदल गया है। पढ़ाने के पारंपरिक तरीके के साथ अब एडेक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर उच्च गुणवत्ता वाली ऑनलाइन सामग्री का ब्लेंडेड स्वरूप उपलब्ध है। व्यक्तिगत शिक्षण के साथ ऑनलाइन शिक्षण का एकीकरण न्यू नॉर्मल बन गया है जो अंतत: उच्च गुणवत्ता की शिक्षा व सीखने की दिशा में ही ले जा रहा है।

शिक्षा हमेशा से स्वच्छ पानी और साफ हवा तक पहुंच की तरह एक मानवाधिकार है। शिक्षा का उद्देश्य कुशलता हासिल कर करियर में प्रगति के साथ दुनिया का अच्छा नागरिक बनना है। कोविड महामारी ने कई प्रणालियों में असमानताओं को उजागर किया। इसमें शिक्षा से जुड़े तमाम मुद्दे भी शामिल हैं।

महामारी से प्रभावित दुनिया में शिक्षा का उद्देश्य अधिक समान और न्यायपूर्ण समाज बनाना है, सभी के सीखने के लिए समान अवसर पैदा करना है। साथ ही लोगों को अपने कौशल में सुधार लाना है, नए कौशल सीखने हैं ताकि वे महामारी से प्रभावित न होने वाली नौकरियां पा सकें। शिक्षा का पहले जैसा स्वरूप अब कभी नहीं रहेगा।

ऑनलाइन सीखने की बढ़ती मांग व उसे अपनाया जाना जारी रहेगा जिससे बहुत बड़ा डेटा मिलेगा जैसे एक वीडियो पर खर्च हो रहा औसत समय, उसे कितनी बार री-प्ले किया गया, डिस्कशन फोरम पर सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल, मूल्यांकन प्रदर्शन, सीखने के बर्ताव आदि। भविष्य के स्वरूप के लिए इन्हीं बिंदुओं का सघन विश्लेषण व अनुसंधान होगा।

शिक्षा के तकनीकी सक्षम होने से शिक्षण व सीखने का तरीका भी बदल रहा है। डिजिटल लर्निंग शिक्षा पर सबकी समान पहुंच को अधिक आसान बनाएगी। छात्र जहां होंगे, वहीं से सीखने में सक्षम हो सकेंगे। किसी विश्वविद्यालय से ऑनलाइन शिक्षण पाने वाले छात्र किसी भी ए ग्रेड संस्थान के एलुमिनी छात्रों के समान ही किसी जॉब के लिए आवेदन कर सकेंगे।

एडेक्स जैसे प्लेटफॉर्म मॉड्यूलर क्रेडेंशियल्स प्रदान कर रहे हैं जिसे विद्यार्थी कॉलेज में दाखिले से पहले ऑनलाइन हासिल कर सकते हैं। अभी तक ट्रेंड था कि स्कूल लेवल पर कोई विद्यार्थी इंजीनियरिंग स्ट्रीम में है तो वह आगे चलकर बीटेक ही करेगा या संभवत: एमबीए की तरफ बढ़ेगा। लेकिन अब कॉलेज में दाखिले से पहले ही उसके पास माइक्रो बैचलर या माइक्रो मास्टर्स जैसे कोर्स उपलब्ध हो गए हैं। कॉलेज में दाखिले से पहले आप इनमें से कोई कोर्स करें और आगे की पढ़ाई से पहले उसके लिए कुशलता हासिल कर लें। यानी कम समय में हासिल किए गए कौशल से पूरी डिग्री पाने में अपेक्षाकृत कम समय लगेगा और इस तरीके से नौकरी पाने में भी ज्यादा आसानी होगी।

ऑन-कैंपस डिग्री में मॉड्यूलर ऑनलाइन शिक्षा अपनाने पर इससे संबद्ध उद्योगों पर भी असर पड़ेगा। जैसे शिक्षार्थी घर से पढ़ सकेंगे तो ट्रैवल सेक्टर प्रभावित होगा। हॉस्टल की जरूरत कम होने लगेगी यानी रियल एस्टेट सेक्टर प्रभावित होगा। जूम/स्काइप पर कक्षाएं लगेंगी तो लैपटॉप, मोबाइल फोन की जरूरत व खरीद बढ़ेगी यानी आईटी/आईटीईएस और नेट सेवा प्रदाता सेक्टर प्रभावित होगा। वर्क फ्रॉम होम की तरह लर्न फ्रॉम होम न्यू नॉर्मल बनेगा जिससे कॉरपोरेट ट्रेनिंग मार्केट में इंस्ट्रक्टर प्रभावित होंगे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
अनंत अग्रवाल, सीईओ, एडेक्स (हार्वर्ड-एमआईटी)


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3n5zd3X

No comments:

Post a Comment

Pages